Tuesday, November 9, 2010

कोई है


रिश्ता वह नहीं जो हम बनाते हैं,

रिश्ता वह है जिन्हें वक्त बनाता है.

कोई वह तो नहीं जिन्हें सिर्फ़ हम चाहते हैं,

कोइ वह भी है जो शायद हमें चाहता है.

(यह पंक्ति मुझे sms द्वारा एक मित्र से प्राप्त हुई थी जिसे मैंने आपके साथ बांटा है.)

5 comments:

  1. जिसने भी लिखा है अच्छा लिखा हैं ... आपको साझा करने के लिए धन्यबाद!

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  2. वाह मोहसिन जी ... कभी कभी एस एम् एस से लाजवाब चीज़ें मिल जाती हैं .... शुक्रिया ....

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