१. भूल करना मनुष्य का स्वभाव है, की गई भूल को स्वीकार करना एवं वैसी भूल फ़िर न करने का प्रयास न करना वीर एवं शूर होने का प्रतीक है.
२. अंधा वह नहीं, जिसकी आंख नहीं है। अंधा वह है, जो अपना दोष छिपाता है.
** महात्मा गांधी
sundar vachan
bahut achha vichaar raha ...
. भूल करना मनुष्य का स्वभाव है, की गई भूल को स्वीकार करना एवं वैसी भूल फ़िर न करने का प्रयास न करना वीर एवं शूर होने का प्रतीक है.२. अंधा वह नहीं, जिसकी आंख नहीं है। अंधा वह है, जो अपना दोष छिपाता है.
mhe es vichar me chalna chahia.........
sundar vachan
ReplyDeletebahut achha vichaar raha ...
ReplyDelete. भूल करना मनुष्य का स्वभाव है, की गई भूल को स्वीकार करना एवं वैसी भूल फ़िर न करने का प्रयास न करना वीर एवं शूर होने का प्रतीक है.
ReplyDelete२. अंधा वह नहीं, जिसकी आंख नहीं है। अंधा वह है, जो अपना दोष छिपाता है.
mhe es vichar me chalna chahia.........
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