Monday, November 29, 2010

वाणी की विशेषता


वाणी की विशेषता


व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहने को अच्छा बताया गया है.यह वाणी की प्रथम विशेषता है.सत्य बोलना वाणी की दूसरी विशेषता है.प्रिय बोलना वाणी की तीसरी विशेषता है.धार्मिक बोलना वाणी की चौथी विशेषता है.

वेदव्यास




14 comments:

  1. सत्य बात कहा है आपने.

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  2. वन्दना जी, धन्यवाद मेरे ब्लाग में आने के लिए.

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  3. Vani se jude yeh sabhi vichar jeevan me utarne yogy hain ..... aabhar sajha karne ka ...

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  4. zameer ji aapaka bhi dhanyawaad comment dene ke liye

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  5. मोहसिन जी
    नमस्कार !
    महर्षि वेदव्यास द्वारा प्रदत्त विचारों के जीवनोपयोगी बहुमूल्य हीरे बांटने के लिए आपका आभार !

    मौन , सत्य , प्रिय , धर्मवत् … वाणी के शृंगार !
    वेदव्यास के स्मरण-हित, मोहसिन का आभार !!


    शुभकामनाओं सहित
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  6. चार अनमोल रत्नों के बारे में आपने बताया! अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद ..........

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  7. राजेन्द्र स्वर्णकार जी, आपका धन्यवाद.

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  8. अमरजीत जी, आपका धन्यवाद मेरे ब्लाग में आने के लिए.

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  9. बहुत ही सुन्दर विचार कहा है आपने.

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  10. लोग इसे अपने जीवन में उतारें तो दुनिया खूबसरत हो जाए। है ऩ मोहसिन जी!

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  11. मोहसिन जी,
    वाणी के सन्दर्भ में बहुत ही सुन्दर विचार पढने को मिले !
    बहुत आभार !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

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  12. मोहसिन ! आपका ब्लॉग बहुत अच्छा है ! शुभ कामनाएं

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