Thursday, November 19, 2009

हीरा



कूड़े के ढ़ेर पर लेटे
दो बच्चों को देखा ,
पेंसिल मुंह में डाले ,
किताब पढ़ रहे थे ।

सुना है, कीचड़ में ही
कमल खिलते हैं,
तो क्या,कूड़ों के ढ़ेर से ,
हीरे भी निकलते हैं ?

4 comments:

  1. AAchi kavita hai.Kalam uthaiya hai tho likhna jari rakhe.

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  2. हीरों को पहचानने वाली नज़र और तरशने वाले हाथ मिल जाएँ तो ...जी ,बिल्कुल हो सकता है!

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  3. जी हाँ कूडे के ढेर में हीरे भी मिलते हैं तलाशने वाला चाहिये.

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