Monday, November 29, 2010

वाणी की विशेषता


वाणी की विशेषता


व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहने को अच्छा बताया गया है.यह वाणी की प्रथम विशेषता है.सत्य बोलना वाणी की दूसरी विशेषता है.प्रिय बोलना वाणी की तीसरी विशेषता है.धार्मिक बोलना वाणी की चौथी विशेषता है.

वेदव्यास




Saturday, November 27, 2010

अच्छाई कभी नहीं मरती


अच्छाई कभी नहीं मरती. जीवन भी मृत्यु से समाप्त नहीं होता,केवल शरीर बदलता है.कोई भी आदर्श या अच्छा कार्य कभी नहीं मिटता, वह मानव जाति में सदैव जीवित रहता है. शरीर नष्ट हो जाने पर भी विचारों की अमिट छाप आने वाली पीढियों का मार्गदर्शन करती है.


-- सेमुअल स्माइल्स

Tuesday, November 16, 2010

वह बादल हूं मैं.


वह बादल हूं मैं

जो आसमान में अकेला, अवारा है.

मेरे कोई पंख नहीं है

फ़िर भी मैं भटकता रहता हूं,

जरुरतमंदो की तलाश में.

कहीं कहीं भू ऐसे है

जहां है पर्याप्त जल

नहीं उनको मेरी आवश्यकता

वो क्या मेरे मह्तव को समझ सकता,

इसलिए जब कहीं दिख पडते है मुझे

फ़टी धरती, आकाश पर ठहरते नेत्र

उनकी

इच्छा पूरी करने के लिए

मैं बरस पडता हूं,

बरसने के लिए

लड पडता हूं.

मैं सोचता हूं- यहीं खत्म हो गई मेरी कहानी

पर बाद में पता चलता है-

भगवान ! मुझे भाप बनाकर

फ़िर ऊपर

बादल बनाकर

मुझे लोगो की सेवा के लिए देवदूतबना देता है.

मैं वह बादल हूं.

-मोहसिन

गूगल चित्र साभार