जो कुछ किसी से कहो , उसे अवश्य पूरा करो, यदि पूरा करने का विचार ही नहीं तो कहो मत.
-बाइबिल
यदि अतिथि के आते ही आतिथेय प्रसन्न न हो और उसकी आंखों से प्रेम न छलके तो व्यक्ति को वहां नहीं जाना चाहिए, भले ही वहां सोने की वर्षा क्यों न होती हो.
तुलसीदास